Howitzer Guns

भारत ने अत्यंत हल्की 145 हॉवित्ज़र तोपों (howitzer guns) को खरीदने के लिए किस देश के साथ 30 नवम्बर 2016 को समझौता हस्ताक्षरित किया जोकि इस श्रेणी की तोपों के लिए पिछले 30 सालों में किया गया पहला समझौता है? – अमेरिका (United States)
विस्तार: भारत सरकार ने अमेरिका (United States) से 145 हॉवित्ज़र तोपों को खरीदने के लिए 30 नवम्बर 2016 को लेटर ऑफ ऑफर एण्ड एक्सेप्टेंस (Letter of Offer and Acceptance (LoA) हस्ताक्षरित किया। इस समझौते के तहत अमेरिका अत्यंत हल्की श्रेणी की M777 हॉवित्ज़र तोपों की आपूर्ति करेगा। इस सौदे का कुल मूल्य रु. 5,000 करोड़ ($737 million) है।
 इन तोपों का वजन (4.2 टन) वर्तमान में प्रचलित 155 mm वाली हॉवित्ज़र तोपों के मुकाबले मात्र एक-तिहाई है तथा इसीलिए इन्हें अत्यंत हल्की हॉवित्ज़र तोप (ultralight howitzer guns) कहा जाता है। इन तोपों को चिनूक (Chinook) जैसे भारी हैलीकॉप्टरों के नीचे लटका आसानी से दूरगामी तथा कठिन स्थानों पर तैनात किया जा सकता है। भारत इसे चीन से सटी पर्वतीय सीमा में तैनात करना चाह रहा है।
 अमेरिका से हुए इस समझौते के तहत तीन हॉवित्ज़र तोपों की अगले तीन माह के भीतर भारत को अपूर्ति कर दी जायेगी तथा भारतीय सेना इनका ऊँचें पहाड़ी स्थानों तथा मरुस्थलों में व्यापक परीक्षण करेगी।
 उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने हॉवित्ज़र तोपों को खरीदने का अंतिम समझौता वर्ष 1986 में स्वीडन (Sweden) की फर्म बोफोर्स (Bofors) के साथ किया था लेकिन 1987 में इस सौदे में दलाली की बात प्रकाश में आने और इस मामले के बेहद प्रचारित होने के बाद इस फर्म से और तोपें खरीदने का मामला खटाई में पड़ गया था। लेकिन बोफोर्स तोपों ने 1999 के कारगिल युद्ध में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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