Prepaid Payment Instruments

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने डिज़िटल लेने-देन पर जोर देने के उद्देश्य से प्रीपेड पेमेण्ट्स इंस्ट्रूमेण्ट्स (Prepaid Payment Instruments – PPIs) में पैसे रखने की अधिकतम सीमा (अधिकतम बैलेंस) को 22 नवम्बर 2016 को बढ़ाकर कितना कर दिया? – 20,000 रुपए
विस्तार: केन्द्र सरकार द्वारा 500 व 1000 रुपए के विमुद्रीकरण (demonetization) के फैसले के बाद देश भर में व्याप्त नकदी संकट को देखते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 22 नवम्बर 2016 को प्रीपेड पेमेण्ट्स इंस्ट्रूमेण्ट्स (PPIs) में पैसे रखने की अधिकतम सीमा को वर्तमान 10,000 रुपए से दोगुना कर 20,000 रुपए कर दिया। केन्द्रीय बैंक का मानना है कि इससे डिज़िटल भुगतान करने में अधिक सहूलियत होगी तथा वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए नकदहीन अर्थव्यवस्था (cashless economy) को अधिक समर्थन मिले सकेगा।
 इसका अर्थ हुआ कि PPIs में किसी भी समय 20,000 रुपए से अधिक बैलेंस नहीं हो सकेगा। वहीं व्यावसायिक प्रतिष्ठान इन प्रीपेड पेमेण्ट्स इंस्ट्रूमेण्ट्स से जुड़े हुए अपने बैंक खातों में एक माह में 50,000 रुपए तक धन हस्तांतरित कर सकेंगे तथा ऐसे किसी एक हस्तांतरण की कोई ऊपरी सीमा नहीं होगी।
 वहीं अधिकृत PPIs जारीकर्ता (authorised PPI issuers) KYC के सभी मापदण्डों का अनुपालन करने वाले PPIs को एक लाख रुपए तक अधिकतम बैलेंस रखने की अनुमति प्रदान कर सकेंगे। RBI द्वारा जारी यह दिशानिर्देश 21 नवम्बर से 30 दिसम्बर 2016 तक मान्य होंगे।
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