CERN

भारत (India) ने दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु तथा भौतिकीय कण प्रयोगशाला संचालित वाली किस प्रख्यात अंतर्राष्ट्रीय संस्था के सहयोगी सदस्य (Associate Member) बनने के लिए 21 नवम्बर 2016 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए? – यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन (CERN)
विस्तार: 21 नवम्बर 2016 को भारत यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन – European Organisation for Nuclear Research (CERN) का सहयोगी सदस्य (Associate Member) बन गया। CERN दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित विज्ञान अनुसंधान संस्था मानी जाती है तथा इसी के द्वारा दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु तथा भौतिकीय कण प्रयोगशाला (world’s largest nuclear and particle physics laboratory) का संचालन भी किया जाता है। उक्त समझौते पर परमाणु ऊर्जा आयोग (Atomic Energy Commission) के अध्यक्ष (Chairman) तथा परमाणु ऊर्जा विभाग (Department of Atomic Energy) के सचिव शेखर बसु (Sekhar Basu) तथा CERN के महानिदेशक (Director General) डॉ. फैबियोला जियानोटी (Dr. Fabiola Gianotti) ने नई दिल्ली में परमाणु ऊर्जा आयोग के कार्यालय में हस्ताक्षर किए।
 CERN द्वारा संचालित दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु तथा भौतिकीय कण प्रयोगशाला में दुनिया भर के वैज्ञानिक तथा इंजीनियर ब्रह्माण्ड की मूलभूत संरचना (fundamental structure of the Universe) से सम्बन्धित रहस्यों से पर्दा हटाने के लिए अत्यंत उच्च प्रौद्यौगिकी वाले उपकरणों तथा कम्प्यूटिंग प्रणालियों का प्रयोग करते हैं।
 भारत को सितम्बर 2016 तक CERN के “ऑब्ज़र्वर” (Observer) के रूप में मान्यता हासिल थी जब इस संगठन ने भारत का दर्जा बढ़ाने से सम्बन्धित एक प्रस्ताव को पारित किया था।
 CERN का सहयोगी सदस्य बनने से भारत के तमाम युवा वैज्ञानिकों को CERN द्वारा संचालित तमाम परियोजनाओं में अनुसंधान कार्य करने का मौका मिलेगा। वहीं भारत को सदस्यता के चलते CERN को अपनी अनुसंधान गतिविधियों के संचालन के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान करनी पड़ेगी।
 उल्लेखनीय है कि वर्तमान में CERN के सदस्यों (Members) की संख्या 22 है जबकि सहयोगी सदस्य (Associate Members) चार हैं। इसके अलावा चार देशों व तीन अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं को ऑब्ज़र्वर (Observer) सदस्यों का दर्जा हासिल है।
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