BLACK MONEY
विदेशों में जमा काले धन के खिलाफ एक बड़े प्रयास के तहत स्विस बैंक खातों (Swiss bank accounts) में भारतीय नागरिकों के खातों में जमा धन की जानकारी साझा करने के लिए भारत (India) और स्विट्ज़रलैण्ड (Switzerland) के बीच एक ऐतिहासिक समझौता 22 नवम्बर 2016 को हस्ताक्षरित किया गया। इस समझौते के तहत स्विट्ज़रलैण्ड किस अवधि से भारत को उक्त जानकारियाँ प्रदान करना शुरू करेगा? – सितम्बर 2018
विस्तार: इस समझौते के तहत स्विट्ज़रलैण्ड सितम्बर 2018 तथा इसके बाद की स्विस बैंक खातों की जानकारियाँ भारत को प्रदान करेगा। सितम्बर 2018 से पहले की जानकारियों को साझा नहीं किया जायेगा जबकि इन जानकारियों को भारत सरकार को सितम्बर 2019 से दिया जाना शुरू किया जायेगा।
– इस मुद्दे से सम्बन्धित ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉरमेशन (Automatic Exchange of Information – AEOI) की एक संयुक्त घोषणा (‘Joint Declaration’) पर दोनों देशों ने 22 नवम्बर 2016 को हस्ताक्षर किए। इस समझौते पर भारत की तरफ से केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes – CBDT) के अध्यक्ष (Chairman) सुशील चन्द्रा (Sushil Chandra) तथा स्विट्ज़रलैण्ड की तरफ से उनके दूतावास के उप-मुखिया (Deputy Chief of Mission of Swiss Embassy) जाइल्स रॉडुइट (Gilles Roduit) ने नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए।
– उल्लेखनीय है कि भारतीय द्वारा विदेशों में काला धन जमा करने के मामले में स्विट्ज़रलैण्ड का नाम लम्बे समय से प्रमुखता से लिया जाता है क्योंकि इस देश की बैंकिंग प्रणाली में सूचनाओं को गुप्त रखने की विधिक व्यवस्था है। लेकिन दुनिया भर के देशों से पड़ रहे दबाव के चलते पिछले कुछ समय से स्विट्ज़रलैण्ड ने अपने कड़े बैंकिंग नियमों में ढील देनी शुरू की है।
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